वकील साहब की कविता

Share

मंदा रोजगार पड़ा है,

क्रिमिनल शायद बीमार पड़ा है।

पड़ोसी भी मिलजुल कर रहते,

भाइयों में भी प्यार बढ़ा है।

पत्नी तकरार नहीं करती,

या पति समझदार बड़ा है।

रोड रेज़ होते नहीं आजकल,

या बाहर होशियार चला है।

जाने फ्रॉड करते नहीं लोग,

या करके हो फरार चला है।

जाने लोग वेबस बड़े है,

या सिस्टम लाचार बड़ा है।

Read Also  ट्रैफिक जाम

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top