आज कोर्ट में बैठी थी मैं जज साहब की प्रतीक्षा में,
कुर्सी पीछे खड़े थे बापू शायद न्याय की इच्छा में।
मैं सोची कुछ तो बोलू कुछ हाल तो पुछू बापू से,
पर न कुछ बोले न मुसकाए बस नजर झुका ली बापू ने।
इस तरफ पति उस तरफ पत्नी,
मै पूछी बतलाओ बापू कौन खरा कौन खोटा है,
पर न कुछ बोले न मुसकाए बस नजर झुका ली बापू ने।
इस तरफ भाई उस तरफ भाई,
मैं पूछी बतलाओ बापू कौन सच्चा कौन झूठा है,
पर न कुछ बोले न मुसकाए बस नजर झुका ली बापू ने।
इस तरफ पुत्र उस तरफ पिता
मै पुछी बतलाओ बापू कौन न्यायी कौन अन्यायी है
पर न कुछ बोले न मुसकाए बस नजर झुका ली बापू ने।